वाड्रा-डीएलएफ डील से जुड़ी फाइल के पन्ने गायब

शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014 (12:17 IST)
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ जमीन सौदे से जुड़ी अहम फाइल के दो पेज गायब हो गए हैं। गुम हुए दो पेजों पर लैंड डील की वैधानिकता की जांच के लिए तीन आईएएस अफसरों की कमेटी बनाने संबंधी ब्योरा था। इसी कमेटी ने मामले में म्यूटेशन रद्द करने के खेमका के आदेश को गैरकानूनी बताते हुए डील को क्लीनचिट दी थी। इस बात का खुलासा तब हुआ जब इस केस का पर्दाफाश करने वाले आईएएस अफसर अशोक खेमका ने आरटीआई के जरिए केस की फाइल मांगी।
 
आईएएस अशोक खेमका ने चीफ सेक्रेटरी पीके गुप्ता को पत्र लिखकर चीफ मिनिस्टर ऑफिस में काम रहे अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। खेमका के मुताबिक वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को आईएएस अधिकारी कृष्ण मोहन, केके जालान और राजन गुप्ता की कमेटी ने क्लीन चिट दी थी। इनमें कृष्ण मोहन अब रिटायर हो चुके हैं। कमेटी ने म्यूटेशन रद्द करने के खेमका के आदेश को भी अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर दिया हुआ आदेश बताया था।
 
इस मामले में कांग्रेस सरकार ने व्हिसल ब्लोअर खेमका को चार्जशीट दे रखी है। चार्जशीट का जवाब देने के लिए खेमका ने इस फाइल का रिकॉर्ड आरटीआई में मांगा था। आनाकानी के बाद सरकार की ओर से एफिडेविट देकर कहा गया कि फाइल से पेज नंबर एक और दो मिसिंग हैं।
 
गौरतलब है कि इस फाइल में हुड्डा सरकार की बनाई एक कमेटी की रिपोर्ट है। कमेटी ने इस बात की जांच की थी कि अशोक खेमका को वाड्रा जमीन सौदे रद्द करने का अधिकार है या नहीं। बाद में इस कमेटी ने जमीन सौदे में वाड्रा को क्लीनचिट देते हुए अशोक खेमका के खिलाफ ही जांच की सिफारिश की थी। अब अशोक खेमका ने हरियाणा सरकार से इस बारे में तुरंत एफआईआर करने की मांग की है। (news18.com से)
 

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