अधिकारियों ने बताया कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीरसिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए 100 करोड़ रुपए के रिश्वतखोरी के आरोपों में जांच के सिलसिले में आरोप-पत्र दायर किया गया है।एक दिन पहले ही मुंबई की एक विशेष अदालत ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की सरकारी गवाह बनने की याचिका को स्वीकार कर लिया था।
सीबीआई ने देशमुख और उनके निजी सहयोगियों संजीव पलांडे तथा कुंदन शिंदे के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत आरोप दायर किए हैं। पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किए गए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख (71) वर्तमान में मनी लांड्रिंग के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं और शहर की ऑर्थर रोड जेल में बंद हैं। धनशोधन के मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही है।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिसकर्मियों को शहर के रेस्तराओं और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपए की वसूली करने का निर्देश दिया था। देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था लेकिन बंबई हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिए जाने के बाद उन्हें अपने पद से हटना पड़ा था।