RSS on caste census: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) संघ जातीय जनगणना का परोक्ष रूप समर्थन तो किया है, लेकिन साथ में नसीहत भी दी है कि इसका इस्तेमाल चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। संघ ने इसे बहुत ही संवेदनशील मुद्दा बताया है। पंच परिवर्तन के तहत इस मुद्दे पर चर्चा की गई। संघ की बैठक में पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले की निंदा भी की गई।
जाति जनगणना पर नसीहत : केरल में आयोजित आरएसएस की समन्वय बैठक (Kerala meeting) के बाद आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने कहा कि हमारे समाज में जातिगत प्रतिक्रियाएं एक संवेदनशील मुद्दा हैं। उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना का इस्तेमाल चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ALSO READ: क्या है ASL सिक्योरिटी, जो RSS चीफ मोहन भागवत को मिली?
संघ ने समाज की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए जाति जनगणना को लेकर अपनी चिंताएं भी जाहिर कीं। हालांकि कहा कि जातिगत आंकड़ों का इस्तेमाल अलग-अलग जातियों और समुदाय की भलाई के लिए करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि जाति जनगणना के मुद्दे को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी दल लगातार उठाते रहे हैं।
महिला सुरक्षा पर चिंता : आंबेकर ने पश्चिम बंगाल की घटना को लेकर कहा कि महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए कानूनों और दंडात्मक कार्रवाइयों की समीक्षा करने की जरूरत है। यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और हर कोई इसके बारे में चिंतित है। इस बात पर गौर करते हुए कि देश में इसी तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं, उन्होंने कहा कि बैठक में सरकार की भूमिका, आधिकारिक तंत्र, कानून, दंडनीय कार्रवाइयों और प्रक्रियाओं पर चर्चा हुई। ALSO READ: देश के भविष्य को लेकर कभी कोई संदेह नहीं : मोहन भागवत
आंबेकर ने कहा कि उनका (बैठक में मौजूद रहे लोगों का) मानना है कि इन सभी पर दोबारा विचार करने की जरूरत है ताकि हमारे पास उचित प्रक्रिया, फास्ट-ट्रैक प्रक्रियाएं उपलब्ध हों और हम पीड़ित के लिए न्याय सुनिश्चित कर सकें।