इस बीच दिल्ली के एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने फिर से धर्मांतरण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अभाव और असुविधा को आधार बनाकर धर्मांतरण करवाना गलत है। ये बात उन्होंने दिल्ली में संघ से जुड़े एक संगठन के कार्यक्रम में कही। संघ प्रमुख ने कहा कि अभाव में रहने वाले लोगों का धर्म परिवर्तन कराना बहुत गलत है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में आगरा के एक गांव में लालच देकर 20 महिलाओं को ईसाई बनाया गया है।
दूसरी ओर संसद में चल रहे हंगामे के बीच आज धर्म परिवर्तन के सवाल पर वेकैंया नायडू ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा है कि भाजपा का 'धर्मांतरण' या 'घर वापसी' जैसा कोई एजेंडा नहीं है। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने भी कहा कि स्वेच्छा से किया गया धर्मांतरण ठीक है, लेकिन अगर ये जबरन होता है तो गलत है। विपक्ष मांग कर रहा है कि इस मुद्दे पर संसद में नरेंद्र मोदी बयान दें।
इससे पहले कल अशोक सिंघल ने कहा था कि हम धर्म परिवर्तन के लिए नहीं, लोगों के दिल जीतने के लिए निकले हैं। इस्लाम और ईसाई जो कर रहे हैं उससे लग रहा है कि दुनिया युद्ध के सामने खड़ी है। अशोक सिंघल ने आरोप लगाया है कि इस्लाम, ईसाई और कम्युनिस्ट विश्व युद्ध के खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा कि हम इसमें शामिल नहीं हैं।' (एजेंसी)