स्कूल खोले जाने के बाद हालांकि प्रशासन का दावा है कि साक्ष्य पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे, लेकिन प्रद्युम्न के पिता वरुणचंद ठाकुर ने आशंका जताई है कि स्कूल खुलने के बाद साक्ष्यों को सुरक्षित रखना संभव नहीं होगा। उनका मानना है कि सीबीआई जांच शुरू होने तक स्कूल को बंद रखना चाहिए था।
गौरतलब है कि कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न की 8 सितंबर को टॉयलेट में गला काटकर नृशंस हत्या कर दी गई थी। बस के एक कंडक्टर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार (42) को इस हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस का कहना है कि अशोक ने बच्चे का यौन शोषण करने की कोशिश की, जिसमें विफल रहने पर उसने बच्चे की चाकू से गला काटकर हत्या कर दी।
प्रद्युम्न के पिता 8 सितंबर की सुबह बेटे को स्कूल पहुंचाकर घर लौटे और एक घंटा बाद ही उसे स्कूल के टॉयलेट में खून से लथपथ, मृत पाया गया था। इस घटना के बाद समूचे देश में स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा राष्ट्रीय मुद्दा बन गई है। हरियाणा सहित कई राज्यों में चल रहे रेयान स्कूल के बाहर अभिभावकों और आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन किया था। (एजेंसी)