नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ तब तक बातचीत नहीं हो सकती है, जब तक कि वह सीमापार आतंकवाद को जारी रखता है। जयशंकर ने जर्मनी की अपनी समकक्ष एनालेना बेयरबॉक की मौजूदगी में यह टिप्पणी की और कहा कि बर्लिन इस बात को समझता है।
बेयरबॉक 2 दिवसीय यात्रा पर सोमवार को भारत पहुंचीं। जयशंकर ने बेयरबॉक के साथ द्विपक्षीय सहयोग सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। बैठक के बाद जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ संयुक्त प्रेस संबोधन में जयशंकर ने कहा कि हमने अफगानिस्तान की स्थिति और पाकिस्तान के बारे में चर्चा की जिसमें सीमापार आतंकवाद से जुड़ा विषय भी शामिल था।
उन्होंने जोर दिया कि अगर सीमापार से आतंकवाद जारी रहता है तो पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं हो सकती। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के संबंध में मैंने जर्मनी की विदेश मंत्री के साथ चर्चा की और अपने संबंधों एवं सीमापार आतंकवाद की चुनौतियों को रेखांकित किया। वास्तव में पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय स्तर पर सम्पर्क में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आतंकवाद के साथ बातचीत नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि जर्मन पक्ष इस बात को समझता है।
गौरतलब है कि अक्टूबर में जर्मनी में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावन भुट्टो जरदारी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में बेयरबॉक ने कश्मीर मुद्दे के समाधान पर संयुक्त राष्ट्र की संभावित भूमिका की बात कही थी। इस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इसके कुछ दिन बाद भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा था कि कश्मीर पर जर्मनी के रुख में बदलाव नहीं आया है।
वहीं जयशंकर ने सोमवार को कहा कि हमने हिन्द-प्रशांत के विषय और ईरान के मुद्दे पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों पर जर्मनी की विदेश मंत्री के विचारों को सुनना काफी उपयोगी और फलदायक रहा।(भाषा)