S Jaishankar's statement regarding Jawaharlal Nehru : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस चीन पर टिप्पणी करते समय प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई गलतियों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जिम्मेदार ठहराती है और ऐसे दिखाती है कि उसका कोई दोष नहीं है। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीनी अतिक्रमण को लेकर जयशंकर ने कहा कि चीन ने 1958 और 1962 में भारतीय जमीन पर कब्जा किया था और कुछ पर तो 1958 से पहले कब्जा किया था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए जयशंकर ने कहा कि अपने ही बलों का मनोबल गिराना बहुत ही दुखद बात है। उन्होंने कहा, जब आप कहते रहते हैं कि चीन ने जमीन ले ली तो वह जमीन तो 1962 में ही चली गई थी। मैं देखता हूं कि देश को गुमराह करने की कोशिशें की जा रही हैं।
चीन और भारत के संबंधों में असहजता देखी जा रही है, खासकर जून 2020 की गलवान घाटी की घटना के बाद रिश्तों में गतिरोध आया जब चीनी और भारतीय सैनिक आपस में भिड़ गए थे, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए। तब से भारत-चीन संबंध असामान्य स्थिति में हैं और दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने सैनिकों को तैनात किया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि चीनी लोग सीमा पर गांव बना रहे हैं, लेकिन यह लोंगजू (अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर) में हो रहा है, जिस पर चीन ने 1959 में हमला किया था और कब्जा कर लिया था। जयशंकर ने कहा, अगर आप गूगल मैप देखें तो कृपया उस गांव को देखिए और इसे संसद में 1959 में नेहरू के भाषण के अनुरूप समझिए।
विदेश मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी लद्दाख के पैंगोंग सो में चीन द्वारा एक पुल बनाए जाने की बात करते हैं लेकिन पुल उस जगह पर बनाया जा रहा है जहां 1958 में चीनी आए थे और 1962 में फिर उन्होंने कब्जा कर लिया था। विदेश मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने हाल में कहा था कि चीनी लोगों ने शक्सगाम गांव में एक सड़क का निर्माण किया है।
शक्सगाम घाटी को नेहरू ने पीओके का हिस्सा बनने दिया : जयशंकर ने कहा, संभवत: इससे सियाचिन के लिए चिंता पैदा हो गईं। शक्सगाम घाटी को नेहरू ने पीओके का हिस्सा बनने दिया था और पाकिस्तानियों ने 1963 में इसे चीन को सौंप दिया था। कांग्रेस पार्टी 1949 में नेहरू की कार्रवाइयों और 1963 में (पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली) भुट्टो की कार्रवाइयों के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहरा रही है और वे वस्तुत: ऐसा दिखाते हैं जैसे उनकी (कांग्रेस की) कोई जवाबदेही नहीं है।
विदेश मंत्री ने स्वीकार किया कि चीन की तरफ से चुनौती है जिसने द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन किया और बड़ी संख्या में सीमा पर सैनिकों को भेजा। जयशंकर ने कहा कि लेकिन सभी को इस तथ्य पर गर्व होना चाहिए कि कोविड-19 महामारी के बावजूद, भारत ने जवाबी कार्रवाई की और सीमा पर रिकॉर्ड संख्या में सैनिक भेजे।
उन्होंने कहा कि आज वे सैनिक अत्यंत ऊंचाई पर तैनात हैं, भीषण ठंड में हैं और बेहद कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा, इसलिए जब मैं राहुल गांधी को कहते सुनता हूं कि अरुणाचल प्रदेश के यांगत्से में (2022 में) हमारे जवानों को पीटा गया था, जबकि असल में हमने चीनियों को खदेड़ा था। अपनी ही व्यवस्था, अपने बलों का मनोबल गिराना बहुत दुखद बात है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour