सुप्रीम कोर्ट 56 पुनर्विचार याचिकाओं, चार ताजा रिट याचिकाओं और मामला स्थानांतरित करने संबंधी 5 याचिकाओं समेत 65 याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। ये याचिकाएं उसके फैसले के बाद दायर की गई थीं। सबरीमला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल में हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने 28 सितंबर 2018 के उसके फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद 6 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ में न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल हैं।
शीर्ष न्यायालय ने 4:1 के बहुमत से 28 सितंबर 2018 को दिए फैसले में केरल के मशहूर अयप्पा मंदिर में 10 से 50 वर्ष की आयु वाली महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर लगे रोक को हटा दिया था और कहा था कि हिन्दू धर्म की सदियों पुरानी यह परंपरा गैरकानूनी और असंवैधानिक है। 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने खुली अदालत में याचिकाओं पर सुनवाई की थी और पक्षकारों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।