सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में कुमार को दोषी ठहराते हुए उन्हें ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी। उन्होंने पत्र में गांधी से कहा, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मेरे खिलाफ दिए गए आदेश के मद्देनजर मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल इस्तीफा देता हूं।
उल्लेखनीय है कि 2013 में सज्जन कुमार को निचली अदालत ने बरी कर दिया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए उन्हें उम्रकैद की सज़ा सुनाई। उन्हें 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा। उम्रकैद के अलावा सज्जन कुमार पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।