ईडी ने मार्च में दिल्ली की एक अदालत के समक्ष दावा किया था कि सिसोदिया दिल्ली आबकारी नीति मामले में जांच को बाधित करने के लिए बड़े पैमाने पर डिजिटल सबूतों को नष्ट करने में शामिल थे और उन्होंने 14 फोन बदले और इन्हें नष्ट कर दिया। सिसोदिया को कथित आबकारी मामले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था।
संजय सिंह ने आरोप लगाया, प्रवर्तन निदेशालय अब तक अदालत के सामने झूठ बोल रहा है। उन्होंने (ईडी) कहा कि सिसोदिया ने 14 मोबाइल फोन नष्ट किए, लेकिन हकीकत यह है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री द्वारा एक भी मोबाइल फोन नष्ट नहीं किया गया। वास्तव में उन 14 फोन में से पांच ईडी और सीबीआई ने जब्त किए हुए हैं।
राज्यसभा सदस्य सिंह ने दावा किया, ईडी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सभी फोन काम कर रहे हैं और उन 14 में से पांच फोन ईडी और सीबीआई द्वारा पहले ही जब्त कर लिए गए हैं। जांच एजेंसी पर निशाना साधते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि ईडी द्वारा सूचीबद्ध फोन नंबर में सिसोदिया के घरेलू सहायक, चालक और अन्य कर्मचारियों के नंबर भी शामिल हैं।
सिंह ने कहा, उन्होंने जांच का मजाक बना दिया है। मनीष सिसोदिया पर 14 मोबाइल फोन नष्ट करने का आरोप लगाने वाले भाजपा नेताओं और दिल्ली के बेहतरीन शिक्षामंत्री को बदनाम करने वाले ईडी अधिकारियों को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)