मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने ब्याज निर्धारण के मामले में नीतिगत दर में कटौती का लाभ तत्काल अपने ग्राहकों को देने के लिये कदम उठाया है। एसबीआई ने शुक्रवार को बचत जमा तथा अल्पकालिक कर्ज के लिए ब्याज दरों को रिजर्व बैंक की रेपो दर यानी बाह्य मानकों से जोड़ने की घोषणा की। ऐसा करने वाला एसबीआई देश का पहला बैंक बन गया है। नई दरें एक मई से प्रभावी होगी।
इस कदम से रिजर्व बैंक के नीतिगत दर (रेपो) में कटौती का लाभ तत्काल ग्राहकों को मिल सकेगा। रिजर्व बैंक, बैंकों के साथ बार-बार इस मुद्दे को उठाता रहा है कि वह जितना रेपो दर में कटौती करता है, बैंक उतना लाभ अपने ग्राहकों को नहीं देते।
बैंक ने बयान में कहा, 'आरबीआई के नीतिगत दर में बदलाव त्वरित रूप से ग्राहकों को देने के मसले के हल के लिए एक मई 2019 से हमने बचत बैंक जमा तथा अल्पकालीन मियादी कर्ज के लिए ब्याज दर को रिजर्व बैंक की रेपो दर से जोड़ने का निर्णय किया है।' हालांकि, इस कदम से सभी जमाकर्ताओं को लाभ नहीं होगा क्योंकि नई दर उन्हीं खातों पर लागू होगी जिनके खातों में एक लाख रुपये से अधिक राशि होगी।