SC-ST एक्ट में बदलाव के खिलाफ भारत बंद, हिंसा, आगजनी, गोलीबारी, 6 लोगों की मौत
सोमवार, 2 अप्रैल 2018 (17:42 IST)
नई दिल्ली। एससी/एसटी एक्ट संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दलित समाज के भारत बंद के दौरान कई स्थानों से हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें हैं। मध्यप्रदेश के मुरैना, ग्वालियर और भिंड में गोलीबारी की घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि राजस्थान के अलवर में पुलिस की गोली से एक व्यक्ति की मौत हो गई। यूपी मुजफ्फरनगर में भी हिंसा में एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। इसके अलावा देशभर में रेल रोके जाने, पथराव और तोड़फोड़ की खबरें हैं। पेश हैं बंद जुड़ी हर ताजा जानकारी-
* सुप्रीम कोर्ट ने एससी एससी एक्ट मामले में सरकार की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इंकार किया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को तुरंत देखे जाने की ज़रूरत नहीं है।
* गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शनों में लोगों की जान जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है और उन्हें कानून के तहत पूरे संरक्षण की गारंटी देती है। सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने तथा असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।
* आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश जोशी (भैयाजी) ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और लोगों का आह्वान किया है कि समाज में किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार से बचते हुए परस्पर प्रेम एवं विश्वास बनाए रखें। उन्होंने कहा कि संघ समाज के सभी प्रबुद्ध लोगों से अनुरोध करता है कि समाज में परस्पर सौहार्द बनाए रखने में अपना योगदान दें एवं किसी प्रकार के बहकावे में न आएं।
* भारत बंद के दौरान विभिन्न राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों से उत्पन्न स्थिति पर केन्द्र सरकार कड़ी नजर बनाए हुए है और हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश में त्वरित कार्य बल एवं अर्द्धसैनिक बलों की चार-चार कंपनियां भेजी गई हैं।
* गृह मंत्रालय के अनुसार बंद और हिंसा से प्रभावित गुजरात, बिहार, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में स्थिति की निगरानी की जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पुलिस पूरी तरह चौकस है और सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
* मेरठ एसएसपी मंजिल सैनी ने कहा कि मेरठ में हिंसा की साजिश बसपा विधायक योगेश वर्मा ने रची थी। वर्मा पर एनएसए के तहत कार्रवाई होगी।
* सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक पंजाब में अफवाहें रोकने के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। पंजाब में सर्वाधिक दलित आबादी है, ऐसे में यहां बंद का सबसे ज्यादा असर हो सकता है, इसलिए राज्य के सभी स्कूलों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस को बंद रखा गया है।
* यूपी के हापुड़ में हिंसक हुए प्रदर्शनकारी, दुकानदार को मारी गोली। आजमगढ़ में बस को जलाया।
* छतरपुर, अशोकनगर, टीकमगढ़, दमोह में इंटरनेट सेवा बंद
* चंबल में चार लोगों की मौत
* ग्वालियर, मुरैना में इंटरनेट सेना बंद
* इंदौर स्टेशन पर ट्रेन रोकी गई
* मध्यप्रदेश डबरा के एएसपी राजेश त्रिपाठी को लाठियों से पीटा गया
* मेरठ में कुछ गाड़ियों और पुलिस चौकी को आग के हवाले करने की ख़बर.
* राजस्थान में करणी सेना और प्रदर्शनकारी दलितों के बीच झड़प में कई लोग ज़ख्मी
* झारखंड के रांची में हुई पत्थरबाजी में सिटी एसपी अमन कुमार घायल। महिला छात्रावास में पुरुष पुलिसकर्मियों के प्रवेश और उनकी तलाशी का विरोध कर रही हैं छात्राएं। पूर्व मंत्री डॉक्टर गीताश्री उरांव ने छात्राओं के साथ राँची में गिरफ़्तारी दी
* मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मुद्दे को लेकर आपात बैठक बुलाई
* मध्यप्रदेश में ग्वालियर के मुरार उपनगर में प्रदर्शन हिंसक होने के बाद प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। रेलवे स्टेशन से मुरार, थाटीपुर, गोला का मंदिर और विश्वविद्यालय सिटी सेंटर आदि क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। गोले का मंदिर क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों के एक बस और कई वाहनों में आग लगाने की सूचना है। पुलिस प्रशासन बंद समर्थकों को खदेड़ने की कोशिश में जुटा है।
* ग्वालियर में प्रदर्शन कर रहे 2 लोगों की मौत।
* मुरार में हथियारों से लैस बंद समर्थकों ने दुकानें बंद कराने के लिए गोलीबारी की, जिसमें दो लोग घायल हो गए। इस दौरान अपनी दुकानें खोलने की कोशिश कर रहे व्यापारियों और बंद समर्थकों के बीच मारपीट भी हुई।
* मुरैना में प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में आग लगा दी और प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी शुरू कर दी। स्थानीय रेलवे स्टेशन क्षेत्र के पास प्रदर्शनकारियों ने पथराव करते हुए रेलवे ट्रैक भी जाम कर दिया, जिससे रेल यातायात भी प्रभावित हुआ। पुलिस प्रशासन उपद्रवियों को बलपूर्वक खदेड़ा।
* मुरैना में बंद विरोधी और बंद समर्थक कई संगठनों के आमने-सामने आने और दोनों के बीच पथराव की भी खबरें हैं। वहीं रेलवे ट्रैक पर पथराव के दौरान एक मीडियाकर्मी के भी घायल होने की खबर है।
* मध्यप्रदेश के डबरा में बंद के दौरान उपद्रव। सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ जमा हो गई है। बसों में तोड़फोड़ की भी खबर है। सैकड़ों की संख्या में उपद्रवी थाना परिसर में घुस गए और तोड़फोड़ करने की कोशिश की। इसके अलावा कई दुकानों पर पथराव किया गया।
* मुरैना की गई गोलीबारी में एक घायल व्यकित की मौत।
* मुरैना में मृतक के परिजनों ने कलेक्टर के बंगले का घेराव किया।
* मुरैना से ही सटे भिंड जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर मालनपुर में सुबह से ही बंद समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 92 पर जाम लगा दिया, इसके चलते दोनों ओर बहुत से वाहन फंस गए। मौके पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। भिंड में भी कर्फ्यू लगाए जाने की खबर है।
* प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित रतलाम जिले में भी बंद समर्थक संगठनों ने जबरन बाजार बंद कराने की कोशिश की। इस दौरान कुछ फल व सब्जी वालों का सामान भी फेंक दिया गया।
* केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कहा कि कहा कि केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा कि पार्टी के एससी-एसटी सांसद प्रधानमंत्री से मिले थे।
* इसी मुद्दे पर विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की।
* राजस्थान में भी बंद के दौरान हिंसा की खबरें हैं। भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया है।
* राजस्थान के सीकर में दोपहर एक बजे से रात 8 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद।
* बीकानेर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में भिड़ंत।
* एससी-एसटी एक्ट पर बदलाव के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी।
* राजस्थान में भी बंद का असर देखा गया। दलित संगठनों के कार्यकर्ता आज सुबह से ही नीली झंडियां लेकर सड़कों पर उतर गए तथा दुकानें बंद कराई। इन कार्यकर्ताओं ने शहर में बसों का आवागमन भी ठप कर दिया। जयपुर शहर के ज्यादातर हिस्सों में बंद का असर देखा गया। टोंक रोड़ पर रेलवे फाटक पर कार्यकर्ता जमा हो गए तथा रेल आने पर उसके ऊपर चढ़ गए जिससे काफी समय तक जयपुर-दिल्ली मार्ग अवरुद्ध रहा। जयपुर के अलावा अन्य शहरों में भी बंद का असर देखा गया।
* अलवर में व्यापारी बंद का विरोध कर रहे हैं, समर्थन करने वाले संगठनों के लोग बाजार को जबरन बंद कराने की कोशिश कर रहे हैं। कई जगह झड़प होने की जानकारी मिली है। उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने पूरे बंदोबस्त किए हैं। बंद से जाम की स्थिति होने पर स्कूल और एंबुलेंस वाहनों को निकलने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
* पंजाब में 4000 के करीब जवानों को तैनात किया गया है। राज्यभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए हैं। पंजाब के प्रमुख सचिव करन ए. सिंह ने केंद्र सरकार रक्षा सचिव को पत्र लिखकर सैन्य बलों की मांग की है ताकि कानून व्यवस्था को कायम रखा जा सके।
* पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी प्रदर्शन के दौरान दलित संगठनों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। बंद का आह्वान करने वाले संगठनों के साथ लगातार बातचीत की जा रही है। उन्हें आश्वासन दिया जा रहा है कि पंजाब सरकार दलितों के किसी भी अधिकार को नहीं छीनने दिया जाएगा।
* पंजाब में बंद के मद्देनजर परीक्षाएं रद्द कर दी गईं, परीक्षा की अगली तारीख जल्द घोषित की जाएगी। पंजाब सरकार ने राज्य में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए हैं, वहीं बठिंडा में प्रदर्शनकारियों द्वारा जबरन बाजार बंद करवाए जाने की सूचना है। पपटियाला में भी ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया गया।
* पंजाब के अमृतसर सहित अन्य जिलों में भारी तादाद में पुलिस की तैनाती की गई है। दलित संगठनों के बंद को देखते हुए पंजाब में बस और मोबाइल सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। सरकार ने पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सर्विस सस्पेंड करने के साथ सभी शिक्षण संस्थान भी बंद रखने का आदेश दिया है। इसको देखते हुए सीबीएसई ने राज्य में कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा पोस्टपोन कर दी है।
* भारत बंद का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है। आरा, अररिया, फारबिसगंज और जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों को ट्रेनें रोक दी हैं। राज्य के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर और सड़कों पर जाम लगाकर अपना गुस्सा दिखाया। सड़कों पर जाम और ट्रेनें रोके जाने से आम लोगों की काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
* हरियाणा में भी दलित समुदाय सड़क पर उतर आया है। गुड़गांव में भारत बंद के समर्थन में कन्हई गांव के लोगों ने आरडी सिटी गेट नंबर -2 के सामने जाम लगाकर प्रदर्शन किया। मौके पर स्थानीय पुलिस लोगों को समझाकर वहां से हटाने का प्रयास कर रही है। इसी तरह फरीदाबाद में देशव्यापी बंद को लेकर एनआईटी 5 पर रास्ता बंद कर प्रदर्शन किया जा रहा है।
* ओडिशा के संबलपुर में भी एससी/एसटी प्रोटेक्शन एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोकी।
* उत्तरप्रदेश के आगरा और राजस्थान के भरतपुर में भी प्रदर्शन जारी हैं।
* दिल्ली में ट्रेनें हुई प्रभावित : ‘ भारत बंद’ के दौरान प्रदर्शनकारी बाहरी दिल्ली में कई जगह रेल की पटरियों पर बैठ गए, जिससे देहरादून एक्सप्रेस और रांची राजधानी सहित कई ट्रेनों को रास्ते में ही रोकना पड़ा। अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति( अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित तौर पर‘ कमजोर’ करने के प्रयासों के खिलाफ आज कई दलित संगठनों ने भारत बंद आहूत किया है। उत्तरी रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के आज सुबह करीब10 बजे गाजियाबाद यार्ड पहुंचने के बाद सेवाएं बाधित हुईं।
अधिकारियों ने बताया कि सप्त क्रांति एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, भुवनेश्वर और रांची राजधानी, कानपुर शताब्दी सहित कई ट्रेनों को गाजियाबाद से पहले मेरठ और मोदीनगर में ही रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि करीब 2000 लोगों की भीड़ ने हापुड़ स्टेशन पर ट्रेनों को रोका। कई माल गाड़ियों को भी रोका गया। दिल्ली पुलिस और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के कर्मी लोगों को पटरी से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ इलाकों में परिचालन बहाल कर दिया गया है।
क्या है विरोध का कारण : सुप्रीम कोर्ट की ओर से एससी/एसटी एक्ट के संबंध में सुनाए गए एक फैसले से दलित समुदाय में रोष है। इस समुदाय का मानना है कि इससे दलितों पर होने वाले अत्याचारों में वृद्धि होगी व उन्हें मिलने वाले इंसाफ की उम्मीद और कम हो जाएगी।
यह है एक्ट : अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम 1989 को 11 सितम्बर, 1989 को संसद में पारित किया गया था। 30 जनवरी, 1990 को इस कानून को जम्मू-कश्मीर छोड़ पूरे देश में लागू किया गया। एक्ट के अनुसार कोई भी ऐसा व्यक्ति जो कि एससी-एसटी से संबंध नहीं रखता हो, अगर अनुसूचित जाति या जनजाति को किसी भी तरह से प्रताड़ित करता है तो उस पर कार्रवाई होगी।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 के तहत आरोप लगने वाले व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। जुर्म साबित होने पर आरोपी को एससी-एसटी एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा के तहत भी सजा मिलती है। आईपीसी की सजा के अलावा एससी-एसटी एक्ट में अलग से छह महीने से लेकर उम्रकैद तक की सजा के साथ जुर्माने की व्यवस्था भी है।
अगर अपराध किसी सरकारी अधिकारी ने किया है, तो आईपीसी के अलावा उसे इस कानून के तहत 6 महीने से लेकर एक साल की सजा होती है। ताजा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ एससी एसटी एक्ट में शिकायत होती है तो उसे सीधे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। गिरफ्तारी से पहले जांच होगी।(फोटो सौजन्य: ट्विटर)