बैंक और फॉरेक्स डीलर भी विशेषरूप से डॉलर की अत्यधिक मांग की स्थिति से निपटने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि अंतत: राजन के सितंबर में गवर्नर पद से हटने के हद विदेशी निवेशक घबराहट में निकासी करेंगे। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि भारतीय पूंजी बाजार की जोखिम प्रबंधन तथा निगरानी प्रणाली काफी मजबूत है. किसी प्रतिकूल असर से बचने के लिए इस प्रणाली को और मजबूत किया गया है।
नियामक और एक्सचेंजों की निगाह उन लोगों पर भी रहेगी जो शेयरों और डेरिवेटिव्स में इस उतार-चढ़ाव वाले रख का फायदा उठाना चाहेंगे। इनमें अन्य विदेशी मुद्राओं से संबद्ध रुपए के उतार-चढ़ाव से जुड़े लोग भी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस बात की भी निगरानी की जाएगी कि ब्रोकर, पोर्टफोलियो प्रबंधक तथा अन्य बाजार इकाइयां छोटे खुदरा निवेशकों को वायदा और विकल्प में भारी लाभ का लालच देकर लुभा नहीं सकें।
इस बीच, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) तथा शेयर बाजारों ने अपनी निगरानी तथा जोखिम प्रबंधन प्रणाली को मजबूत किया है, जिससे रिजर्व बैंक के गवर्नर राजन द्वारा दूसरा कार्यकाल नहीं लेने की घोषणा के बाद कल बाजार खुलने पर उतार-चढ़ाव से बचाया जा सके।
रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन का उत्तराधिकारी कौन होगा, इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। राजन के उत्तराधिकारी के लिए रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल, पूर्व कैग विनोद राय से लेकर एसबीआई प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन, विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु तथा आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास के नाम चर्चा में हैं। हालांकि, राजन का उत्तराधिकारी कौन होगा इसको लेकर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है।