यह सेवा कर संगीत, नृत्य के साथ थिएटर के क्षेत्र में शास्त्रीय या लोक कला से जुड़े कलाकारों पर लगेगा। अब तक इस प्रकार के कलाकारों को सेवा कर भुगतान से छूट मिली हुई थी। वित्त विधेयक 2015 में किए गए प्रस्ताव के तहत छूट एक प्रदर्शन के लिए एक लाख रुपए तक सीमित है।
हालांकि फिल्म प्रदर्शनी, सर्कस, नृत्य, ड्रामा या बैले समेत थिएटर में प्रदर्शन, मान्यता प्राप्त खेल कार्यक्रम, कंसर्ट, सौंदर्य प्रतिस्पर्धा, पुरस्कार समारोह, संगीत कार्यक्रम या अन्य खेल से संबंधित कार्यक्रम जहां टिकट 500 रुपए प्रति व्यक्ति तक है, उन्हें सेवा कर से छूट मिलेगी।
म्यूजियम, चिड़ियाघर, राष्ट्रीय पार्क, वन्य जीव अभयारण्य तथा बाघ अभयारण्य के मामले में सेवाकर में छूट दी गई है। सरकार ने सेवा कर मौजूदा 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया है। (भाषा)