मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी व न्यायमूर्ति आरएस एंडलॉ की खंडपीठ ने तीनों याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार का दिन तय किया है। हाईकोर्ट के समक्ष बुधवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड, एएसआइ व केंद्र सरकार के वकील ने दलील दी कि जामा मस्जिद ऐतिहासिक इमारत है। यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है और शाही इमाम इस बोर्ड के एक कर्मचारी हैं।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट में सुहेल अहमद खान, अधिवक्ता वीके आनंद और एक अन्य ने याचिका दायर कर शाही इमाम के बेटे के दस्तारबंदी समारोह पर रोक लगाने के लिए जनहित याचिकाएं दायर की हैं। उनका कहना है कि बुखारी ने अपने 19 साल के बेटे शाबान बुखारी को नायब इमाम नियुक्त करने की घोषणा की है। यह गलत है क्योंकि वक्फ एक्ट के तहत किसी मस्जिद का उत्तराधिकारी नियुक्त करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। (एजेंसी)