विज्ञप्ति के अनुसार शंकराचार्य ने सनातन धर्म, देश और समाज के लिए अतुल्य योगदान किया। उनसे करोड़ों भक्तों की आस्था जुडी हुई है। इसमें कहा गया है कि वे स्वतन्त्रता सेनानी, रामसेतु रक्षक, गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने वाले तथा रामजन्मभूमि के लिए लम्बा संघर्ष करने वाले, गौरक्षा आंदोलन के प्रथम सत्याग्रही एवं रामराज्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष थे और पाखंडवाद के प्रबल विरोधी थे।