यादव ने बातचीत में कहा कि मोदी सरकार ने जबसे सत्ता संभाली है, तब से कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी का लाभ जनता को देने की बजाय वह अपनी झोली भरने में लगी हुई है और उसने विभिन्न करों के माध्यम से 19 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है। इसका कुछ हिस्सा उसने राज्यों को भी दिया है। उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि पेट्रोल और डीजल पर करों के जरिए केंद्र सरकार ने 11.48 लाख करोड़ तथा राज्यों ने 8.13 लाख करोड़ रुपए कमाए।
मोदी सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के ऊंचे दामों ने देश में भारी तबाही मचा रखी है। देश के लोग खासकर मध्यम वर्ग और किसान इससे बहुत परेशान है। मोदी और उनकी पार्टी के नेता लोगों की परेशानी दूर करने के उपाय करने की बजाय गैरजरूरी मुद्दे उठाकर समाज को बांटने और ध्रुवीकरण करने में लगे हुए हैं तथापिछले 4 वर्षों में देश में गैरजरूरी मुद्दों पर जितनी बहस और विवाद हुए, उतने देश में कभी नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कामकाज को लेकर देश के लोगों में बहुत गुस्सा है और अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव में इसका सत्ता से बाहर होना तय है। यह सरकार लोगों को संविधान में मिले उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास कर रही है। दलितों ने 'भारत बंद' के जरिए सड़क पर उतरकर अपना गुस्सा जगजाहिर कर दिया है। देश के विभिन्न हिस्सों में किसान आंदोलनरत हैं। मजदूर भी इस सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं। (वार्ता)