उन्होंने कहा कि परीक्षण के दौरान कक्ष में केवल वैज्ञानिक और मुखर्जी मौजूद थे। मुखर्जी से परीक्षण के दौरान जो सवाल पूछे जाने थे, उनकी सूची परीक्षण करने वाले सीएफएसएल विशेषज्ञ को सौंपी गई। सूत्रों ने दावा किया कि कुछ जवाब झूठ की ओर इशारा करते हैं लेकिन फिलहाल कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता क्योंकि रिपोर्ट अभी एजेंसी को नहीं सौंपी गई है।
उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने झूठ बोला या नहीं, इसका पता एजेंसी द्वारा सीएफएसएल से पूरी रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही चलेगा। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने इस परीक्षण के दौरान पीटर से अपराध के बारे में, उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी के साथ उनकी बातचीत और उनके अपने बयानात के बारे में ढेरों सवाल पूछे। लाई डिटेक्टर परीक्षण किसी व्यक्ति से सामने किसी अपराध से जुड़े सवाल रखे जाने पर उसके शरीर में होने वाले बदलाव के सिद्धांत पर आधारित है। सीबीआई ने दावा किया कि गिरफ्तार होने और फंसने का डर व्यक्ति को तथ्य छिपाने के लिए प्रेरित करता है और इससे
अनियंत्रित मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाएं होती हैं जिसे पालीग्राफ नाम के उपकरण से मापा जाता है। एजेंसी ने मुखर्जी का यह परीक्षण करने के लिए एक विशेष अदालत से अनुमति ली थी। एजेंसी को मुखर्जी को सोमवार को मुंबई में विशेष अदालत में पेश करना है, जिसने पीटर को सीबीआई की हिरासत में सौंपा था। मुखर्जी को 19 नवंबर को हिरासत में लेने के बाद से सीबीआई ने उनसे गहन पूछताछ की है। (भाषा)