शिवसेना का दावा, राकांपा ने इसलिए दिया भाजपा को समर्थन...

मंगलवार, 21 अक्टूबर 2014 (12:20 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा को समर्थन देने के राकांपा के फैसले पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने आरोप लगाया कि शरद पवार नीत संगठन द्वारा की गई पेशकश यह सुनिश्चित करने के लिए है कि घोटाले में दागी उसके नेताओं को पूर्ण संरक्षण मिल जाए।
 
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, 'कल तक, भाजपा एक सांप्रदायिक पार्टी थी और राकांपा यह कहकर उसका मजाक उड़ाती थी कि वह हाफ पैंट पहनने वाले लोगों की पार्टी है। उन्होंने हाफ पैंट पहनने के संघ के आदेश का मजाक बनाकर हिन्दुत्व का अपमान किया।
 
क्या अब वे वास्तव में महाराष्ट्र को स्थिरता उपलब्ध कराने को लेकर चिंतित हैं? वे सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लोगों के सामने उनके भ्रष्टाचार की पोल न खुले।
 
राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल को अवसरवादी करार देते हुए शिवसेना ने कहा कि उनकी पार्टी, नेता विपक्ष का दर्जा रखने की योग्यता भी हासिल नहीं कर पाई।
 
मुखपत्र में कहा गया, 'प्रधानमंत्री मोदी ने राकांपा के खिलाफ जबर्दस्त प्रचार किया था और इसे ‘स्वाभाविक रूप से भ्रष्ट’ पार्टी करार दिया था जिसने महाराष्ट्र को लूटा है। विनोद तावड़े (भाजपा नेता) ने कांग्रेस-राकांपा के घोटालों का खुलासा करने और भ्रष्ट नेताओं को जेल भेजने की धमकी दी थी। और अब, एक पार्टी जिसके पास नेता विपक्ष का दर्जा रखने की भी योग्यता नहीं है, वह इस तरह की मौकापरस्ती का सहारा ले रही है।’
अगले पन्ने पर... विदर्भ ने इसलिए नहीं दिया जनादेश...

भाजपा को एकीकृत महाराष्ट्र के प्रति शिवेसना की प्रतिबद्धता को याद दिलाते हुए संपादकीय में कहा गया कि विदर्भ क्षेत्र में भाजपा को मिले जबरदस्त बहुमत का मतलब यह नहीं है कि उस क्षेत्र के लोगों ने अलग राज्य के लिए जनादेश दिया है।
 
शिवसेना ने कहा, 'भाजपा को विदर्भ क्षेत्र में बड़ा जनादेश मिला जिससे उसकी सीट संख्या काफी बढ़ गई। लेकिन हम इस बात पर विश्वास नहीं कर सकते कि यह जनादेश अलग विदर्भ राज्य के लिए है।
 
उन्होंने कहा कि वहां भाजपा के विधायक हो सकते हैं, लेकिन वहां से सांसद शिवसेना के हैं जो एकीकृत महाराष्ट्र के लिए कटिबद्ध हैं। उनका रूख अटल है और कभी नहीं बदलेगा। (भाषा)
चित्र सौजन्य: गिरीश श्रीवास्तव

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