भाजपा की सहयोगी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में कहा है कि परंपरागत तरीके से उत्सव मनाने का समर्थन करने वाले राजनेता अब शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करने में जुट गए हैं और लोगों से अनुशासन बनाए रखने और बनाए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने को कह रहे हैं। यह संभव नहीं है कि सरकार अदालत के आदेश को लेकर मन में गुस्सा उमड़ने के बावजूद उसे पलटने के लिए एक अध्यादेश ला सके।