अगर भाजपा आहत है तो सरकार छोड़ सकती है-शिवसेना

मंगलवार, 13 अक्टूबर 2015 (22:37 IST)
मुंबई। सुधीन्द्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोतने के कारण हो रही चौतरफा आलोचना से बेपरवाह शिवसेना ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के प्रमुख की तुलना 26/11 हमले के आतंकवादी अजमल कसाब से की तथा अपनी सहयोगी भाजपा को सरकार छोड़ने तक की चुनौती दे डाली।
 
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, 'जो लोग हमें देशभक्ति का पाठ पढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं उनको पहले समान अचार संहिता और राम मंदिर के बारे में बात करनी चाहिए। कश्मीर मुद्दे के साथ ये दो मुद्दे देशभक्ति से सीधे जुड़े हुए हैं। पहले इनके बारे में बात करिए और फिर हमें देशभक्ति का पाठ पढ़ाइए।'
 
उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि पार्टी नेताओं को खुलकर यह बोलने से नहीं शर्माना चाहिए कि वे शिवसेना से उब चुके हैं और ऐसे में सत्ता छोड़ रहे हैं।
 
राउत ने कहा, 'उद्धवजी एकमात्र व्यक्ति हैं जो पाकिस्तान के अत्याचार के खिलाफ लड़ रहे हैं। सोमवार को शिवसेना ने जो किया वह महाराष्ट्र के हित में था। हमें उम्मीद थी कि भाजपा हमारा समर्थन करेगी।
 
शिवसेना नेता ने कहा कि हम राष्ट्रीय पार्टी हैं जो देशभक्ति तथा अपनी मातृभूमि के लिए प्रेम से सराबोर है। अगर उनको हमसे परेशानी है या राष्ट्रवाद और देशभक्ति से उब चुके हैं तो उनको सत्ता छोड़ देनी चाहिए। यह गठबंधन सरकार है और ऐसे में वे जब चाहें सत्ता छोड़ सकते हैं।
 
महाराष्ट्र एवं केन्द्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना ने इस घटना की आलोचना करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को भी आड़े हाथ लिया। पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री महाराष्ट्र को समझने में विफल रहे हैं तथा उनके द्वारा इस घटना की भर्त्सना करने से राज्य का नाम खराब हुआ है। 
 
अपने पाकिस्तान विरोधी रूख को दोहराते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, 'हमारे देश की संप्रभुता को उग्रवादियों या आतंकवादियों से नहीं बल्कि कुलकर्णी जैसे लोगों से खतरा है..उनके जैसे लोग हमारे राष्ट्र का गला काटने को घूम रहे हैं। जब उन जैसे लोग यहां मौजूद हैं तो पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों के लिए कसाब जैसे लोगों को भेजने की जरूरत नहीं है।'
 
इसमें कहा गया, 'इस तरह का माहौल पैदा किया जा रहा है जिसमें अब लग रहा है कि खुर्शीद कसूरी शांति दूत या महात्मा हैं तथा शिवसेना ने उनका विरोध कर एक अपराध किया है। बहरहाल, हमारी जितनी ही आलोचना या नाम खराब करिये, हम पाकिस्तान के प्रति अपना रूख नहीं बदलेंगे।'
 
कुलकर्णी ने चेतावनियों की परवाह किए बिना कसूरी की पुस्तक 'नीदर ए हाक नार ए डव : ऐन इनसाइडर्स अकाउंट्स आफ पाकिस्तांस पालिसी' को जारी किए जाने के कार्यक्रम में भाग लिया था। उन्होंने आज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में बयान दिया।
 
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में मुझ पर पाकिस्तानी एजेंट होने का लेबल लगाया गया है। मैं उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता हूं। उन्हें भी दूसरों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए।
 
कुलकर्णी ने कहा, 'जब यह कहा गया कि मैं एक पाकिस्तानी एजेंट हूं तो मैंने कहा कि हां, मैं एक एजेंट हूं किन्तु शांति का एजेंट और यह बना रहूंगा। शिवसेना के भाजपा के साथ पिछले कुछ समय से संबंध तल्ख चल रहे थे और अब उसने कुलकर्णी पर हमले की निंदा करने के लिए फडणवीस पर हमला बोला है।'
 
राउत ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने कहा है कि खुर्शीद कसूरी के खिलाफ हमारे विरोध से राज्य का नाम खराब हुआ है। इससे पता चलता है कि वह महाराष्ट्र को समझने में विफल रहे है तथा वास्तव में उनके समर्थन (कसूरी को) से हमारा नाम खराब हुआ है।' (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें