शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, 'हमारे देश की संप्रभुता को उग्रवादियों या आतंकवादियों से नहीं बल्कि कुलकर्णी जैसे लोगों से खतरा है..उनके जैसे लोगों हमारे राष्ट्र का गला काटने को घूम रहे हैं। जब उन जैसे लोग यहां मौजूद हैं तो पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों के लिए कसाब जैसे लोगों को भेजने की जरूरत नहीं है।'
इसमें कहा गया, 'इस तरह का माहौल पैदा किया जा रहा है जिसमें अब लग रहा है कि खुर्शीद कसूरी शांति दूत या महात्मा हैं तथा शिवसेना ने उनका विरोध कर एक अपराध किया है। बहरहाल, हमारी जितनी ही आलोचना या नाम खराब करिये, हम पाकिस्तान के प्रति अपना रुख नहीं बदलेंगे।’ (भाषा)