राउत ने कहा कि भाजपा ने हिंदुत्व के नाम पर शिवसेना के साथ गठबंधन किया था और हिंदुत्व के चलते पार्टी ने धैर्य बनाए रखा। लेकिन पिछले तीन सालों से भाजपा सत्ता के बल पर शिवसेना को हतोत्साहित करती आ रही है। शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं ने राउत के प्रस्ताव का समर्थन किया।