अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) के नकदीरहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को शुरू किए गए 'कैशलेस बनो इंडिया' अभियान के तहत 'डिजिटल रथ' को हरी झंडी दिखाने के बाद ईरानी ने कहा कि इस 1 साल में मोबाइल ट्रांजेक्शन 218 प्रतिशत बढ़ा है। डेबिट कार्ड से होने वाले ट्रांजेक्शन में 103 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने बताया कि एकीकृत भुगतान व्यवस्था (यूपीआई) के जरिए होने वाला भुगतान काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस अप्रैल में यूपीआई ट्रांजेक्शनों की संख्या 38 लाख थी, जो अक्टूबर तक बढ़कर 7 करोड़ 70 लाख पर पहुंच गई है। उन्होंने डिजिटल माध्यमों को अपनाने के लिए उपभोक्ताओं और इसे बढ़ावा देने के लिए व्यापारियों को धन्यवाद दिया।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि नोटबंदी के बाद कुछ समय के लिए व्यापार घटकर जरूर 30 प्रतिशत पर रह गया था, लेकिन अब सब कुछ पटरी पर आ गया है। उन्होंने बताया कि 'डिजिटल रथ' दिल्ली से लखनऊ, कोलकाता, पुडुचेरी, मुंबई और भोपाल जाएगा। इस साल 31 दिसंबर तक यह यात्रा पूरी होगी और इस दौरान रथ 20,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। रास्ते में व्यापारियों को डिजिटल भुगतान के लिए प्रेरित करने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। यह अभियान मास्टरकार्ड के सहयोग से चलाया जा रहा है।
मास्टरकार्ड के कार्यकारी निदेशक (सामुदायिक संबंध) रवीन्द्र अरोड़ा ने बताया कि उनकी कंपनी 3 साल से कैट के साथ मिलकर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का अभियान छेड़े हुए है। मास्टरकार्ड ने भारत में पिछले 3 साल में 50 करोड़ डॉलर का निवेश किया है और वर्ष 2020 तक वह 70 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निवेश करेगी। मार्च 2018 तक 2,500 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में मास्टरकार्ड पूरी मदद करने के लिए तैयार है। (वार्ता)