दरअसल, चार दिन लगातार बारिश और हिमपात ने पूरे राज्य में जनजीवन प्रभावित किया है। राजमार्ग व अन्य सड़कें बंद होने से हाहाकार मचा हुआ है। एक दर्जन से अधिक जगहों पर भूस्खलन और पत्थर गिरने से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पांच दिन से बंद है। इस पर करीब 4500 छोटे-बडे़ वाहन फंसे हैं। आज भी यह बंद रहा है। यानी रास्ते में फंसे वाहन चालकों को अभी और इंतजार करना होगा।
रामबन ट्रैफिक कंट्रोल रूम के अनुसार अगर शाम तक मौसम साफ रहा और राजमार्ग से मलबा और पत्थर हटा लिए गए तो सबसे पहले फंसी गाड़ियों को ही निकाला जाएगा। अलबत्ता, राजमार्ग अभी खुलने के आसार बहुत ही कम हैं कि क्योंकि ऊधमपुर में भी भुस्खलन हुआ है और यहां से मलबा नहीं हटाया जा सका है। वहीं, कश्मीर की ओर जाने के इंतजार में साढे़ आठ हजार वाहन जम्मू में विभिन्न स्थानों पर खड़े हैं। इन लोगों के पास खाने-पीने के सामान की भी किल्लत होने लगी है। सर्दी में ये ठिठुर रहे है।
जम्मू-श्रीनगर हाईवे बुधवार को 5वें दिन भी नहीं खुल पाने से जिले के चनैनी सहित डोडा व किश्तवाड़ जिलों को जाने वाले सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग वाहनों से निकलकर सड़क पर भटकते नजर आए। समरोली में फिर भूस्खलन होने से पत्नीटाप जाने वाले सैलानी भी फंस गए, जिससे उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी है। शनिवार रात को बारिश और बर्फबारी शुरू होने के बाद रविवार से जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई थी।