अंग्रेजी दैनिक 'इंडियन एक्सप्रेस' की एक खबर के मुताबिक भाजपा नेता इस बात से दुखी हैं क्योंकि राष्ट्रपति ने उन्हें गणतंत्र दिवस की दावत में नहीं बुलाया था। इनमें से कुछ नेताओं का कहना है कि उनके लिए यह और अधिक दुख की बात इसलिए है क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी उन्हें अपनी दावत में बुलाया था।
जानकार सूत्रों का कहना है कि ये नेता अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। साथ ही, उनकी इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि इससे पहले टीपू सुल्तान के मुद्दे पर राष्ट्रपति और भाजपा नेताओं की राय अलग-अलग नजर आई थी।
हालांकि तब भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने राष्ट्रपति से अलग अपनी राय रखी थी। उन्होंने टीपू सुल्तान को हत्यारा बताया था तो इससे पहले टीपू सुल्तान की जयंती मनाने को लेकर एक केंद्रीय मंत्री ने उन्हें ‘मास रेपिस्ट’की संज्ञा दी थी, तब बवाल हो गया था।