याचिका खारिज होने के तुरंत बाद आप नेता ने कहा, मेरा एकमात्र मकसद अदालत का इस मामले में ध्यान आकर्षित करना था ताकि इसे मध्यस्थता के लिए भेजा जा सके क्योंकि यह मामला दो मासूम बच्चों की जिंदगी के इर्दगिर्द घूमता है।
ऐसी सूचना है कि लिपिका पिछले तीन साल से द्वारका में अलग रह रही हैं, उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, मैं और मेरे बच्चे पति सोमनाथ भारती के शोषण और मानसिक, शारीरिक एवं मौखिक प्रताड़ना का कारण बनते रहे हैं.. मेरे पति और उनके समर्थकों की ओर से हमें लगातार धमकी मिलती रही है।
उन्होंने कहा था, सभी चीजों को संक्षेप में बताना मेरे लिए मुश्किल होगा। यह लंबे समय से चल रहा है। यह 2010 से चल रहा है। मैं अलग होना चाहती हूं और इस शादी से छुटकारा चाहती हूं। मैं अपने बच्चों के साथ सम्मान की जिंदगी जीना चाहती हूं। यह एक निरंतर प्रक्रिया रही है जिससे मैं लगातार गुजर रही थी।