पटाखों ने डाली सोनिया के भाषण बाधा, कई बार हु्ईं भावुक
शनिवार, 16 दिसंबर 2017 (11:35 IST)
नई दिल्ली। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने से उत्साहित कार्यकर्ताओं के समारोह स्थल पर जमकर आतिशबाजी के कारण सोनिया गांधी के भाषण में बाधा उत्पन्न हुई। इस पर मंच से आतिशबाजी बंद करने की अपील की गई। इसके बाद कुछ ही देर में आतिशबाजी बंद हो गई और सोनिया ने अपना भाषण पूरा किया। यह कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी का अंतिम भाषण था।
सोनिया गांधी ने कहा कि देश के समक्ष वर्तमान समय में इतनी बड़ी-बड़ी चुनौतियां हैं जितनी पहले कभी नहीं रहीं और उन्हें उम्मीद है कि पार्टी का नया नेतृत्व तथा नया जोश इन चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगा।
नवनिर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने के लिए यहां आयोजित समारोह में सोनिया ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बलिदान को सार्थक बनाने के लिए 20 साल पहले जब उन्होंने कांग्रेस की बागडोर संभाली थी उस समय भी पार्टी के समक्ष कई बड़ी चुनौतियां थीं, लेकिन आज देश उनसे भी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा कि वे राहुल के जोश को समझती हैं। हाल के दिनों में राहुल पर हुए व्यक्तिगत हमलों ने उन्हें और मजबूत तथा निडर बनाया है और उन्हें पूरा भरोसा है कि वे इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर सकेंगे।
सोनिया ने कहा कि वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जोश को भी जानती हैं, जो बेमिसाल है। वे देश के लिए संघर्ष करने को तैयार हैं। वे झुकेंगे नहीं, पीछे हटेंगे नहीं, क्योंकि कांगेस का मकसद देश और इसके मूल्यों की रक्षा करना है। सोनिया ने कहा कि आज देश के बुनियादी उसूलों पर नियमित हमले हो रहे हैं। हमारी विरासत और संस्कृति को कमजोर किया जा रहा है। पूरे देश में भय का माहौल है।
उन्होंने कहा कि इस माहौल में कांग्रेस को अंतरमन में झांककर काम करना होगा और पार्टी कार्यकर्ताओं को एक नैतिक लड़ाई जीतने के लिए बलिदान तथा त्याग के लिए तैयार रहना पड़ेगा। उन्हें राहुल के धैर्य पर विश्वास है और वे पार्टी को सक्षमता के साथ आगे बढ़ाएंगे।
सोनिया ने कहा कि उनके पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद वे अपने परिवार को राजनीति से दूर रखना चाहती थीं लेकिन देश के समक्ष जो चुनौतियां पैदा हो गई थीं, वे इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के उसूलों के विरुद्ध थीं। उन चुनौतियों से लड़ने के लिए वे राजनीति में आईं और पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मदद से पार्टी को मजबूत किया और कई राज्यों में उसकी सरकार बनी। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील सरकार ने देश के सभी वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मनरेगा जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं और कई प्रभावशाली कानून बनाए जिस पर उन्हें फख्र है।