सोनिया की मांग, सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुई ‘अन्यायपूर्ण’ बढ़ोतरी को तत्काल वापस ले

सोमवार, 29 जून 2020 (17:29 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को ‘अन्यायपूर्ण’ करार दिया और महामारी के समय इस वृद्धि को तत्काल वापस लेकर देश की जनता को राहत प्रदान करने का नरेंद्र मोदी सरकार से सोमवार को आग्रह किया।
 
सोनिया ने सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी करके लाखों करोड़ रुपएका अतिरिक्त राजस्व एकत्र करने का दावा किया और कहा कि गत मार्च महीने के बाद से उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी को भी वापस लिया जाए।
 
सोनिया ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया में चलाए गए ‘स्पीक अप अगेंस्ट फ्यूल हाइक’ अभियान के तहत वीडियो संदेश जारी करके सरकार से यह मांग की। 
कांग्रेस के मुताबिक, उसके नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ोतरी के खिलाफ सोमवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया और संबंधित जिला प्रशासनों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
 
सोनिया ने कहा, एक तरफ कोरोना महामारी के कहर और दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल की महंगाई ने देशवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है। आज देश की राजधानी दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतें 80 रुपए प्रति लीटर के पार चली गई हैं।
 
उन्होंने आरोप लगाया, 25 मार्च को लगाए गए लॉकडाउन के बाद पिछले तीन महीनों में मोदी सरकार ने 22 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाईं। सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ाकर भी सालाना लाखों करोड़ रुपए कमाने का काम किया। यह सब तब हो रहा है जब कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कम हो रही हैं।
 
कांग्रेस की शीर्ष नेता ने दावा किया, मैं आप सभी को याद दिलाना चाहती हूं कि 2014 के बाद मोदी सरकार ने जनता को कच्चे तेल की गिरती कीमतों का फायदा देने के बजाय पेट्रोल और डीजल पर कई बार उत्पाद शुल्क बढ़ाए जिससे उसने करीब 18 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त वसूले। यह जनता की जेब से उसकी गाढ़ी कमाई का पैसा निकालकर सरकारी खजाना भरने का जीता-जागता सबूत है।
 
उन्होंने कहा, सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह मुश्किल समय में देशवासियों का सहारा बने और किसी मुश्किल का फायदा नहीं उठाए तथा मुनाफाखोरी नहीं करे।
 
सोनिया ने आरोप लगाया, पेट्रोल और डीजल की कीमत में अन्यायपूर्ण बढ़ोतरी करके सरकार ने देशवासियों से जबरन वसूली का एक नया उदाहरण पेश किया है। यह न केवल अन्यायपूर्ण, बल्कि संवेदनहीन भी है। इसकी सीधी चोट किसान, गरीबों, मध्य वर्ग और छोटे उद्योगों पर पड़ रही है।
 
उन्होंने कहा, मैं मोदी सरकार से मांग करती हूं कि कोरोना महामारी के संकट के समय बढ़ाई पेट्रोल-डीजल की कीमत फौरन वापस ली जाए। मार्च से अब तक उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी को भी वापस लिया जाए और इसका फायदा देशवासियों को दिया जाए। आर्थिक संकट के इस कठिन समय में यह बहुत बड़ी राहत होगी। (भाषा) 

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