नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने उसके आदेश के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्री श्री रविशंकर को अवमानना नोटिस भेजा है।
एनजीटी ने यमुना नदी के किनारे विश्व सांस्कृति महोत्सव आयेाजित करने से नदी और उसके आस पास के क्षेत्र के पर्यावरण को नुकसान होने का हवाला देते हुए आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन पर दंडस्वरूप जुर्माना लगाने का आदेश दिया था।
ऐसी खबर आई थी कि श्री श्री रविशंकर ने एनजीटी के इस आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह राजनीति से प्रेरित है। उनके इस कथित बयान को अदालत की अवमानना बताते हुए यमुना बचाओ आंदोलन के मनोज मिश्रा ने एनजीटी में याचिका दाखिल की थी। न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली मुख्य पीठ ने आज इस याचिका पर सुनवाई करते हुए श्री श्री रविशंकर को अवमानना नोटिस जारी किया।
हालांकि याचिका पर सुनवाई के दौरान आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से पेश हुए वकील ने एनजीटी के समक्ष पेश दलील में कहा कि श्री श्री रविशंकर ने एनजीटी के खिलाफ कोई बयान कभी भी नहीं दिया था। याचिकाकर्ता मीडिया रिपोर्ट के आधार पर यह आरोप लगा रहे हैं उनके खुद के पास इस बारे में केाई ठोस सबूत नहीं हैं। पीठ ने इस पर श्रीश्री रविशंकर को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के अदंर जवाब मांगा है। (वार्ता)