दिग्गज उद्योगपति अडाणी बोले, सरकार ने कोरोना के खिलाफ सही समय पर सही कदम उठाया

Webdunia
शुक्रवार, 5 जून 2020 (08:19 IST)
नई दिल्ली। दिग्गज उद्योगपति गौतम अडाणी ने कहा है कि अगर सरकार कोविड-19 महामारी को देखते हुए उपलब्ध सूचना के आधार पर निर्णय लेने में देरी करती तो देश को वृहत स्तर पर नुकसान होता और उसका वैश्विक प्रभाव होता।

अडाणी समूह के चेयरमैन ने यह भी कहा कि यह समय भारत में दांव लगाने के लिए उपयुक्त है, क्योंकि देश स्थिर लोकतांत्रिक संचालन व्यवस्था के साथ दुनिया के शीर्ष उपभोक्ता केंद्रों, विनिर्माण और सेवा केंद्रों में से एक होगा।
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अडाणी एंटरप्राइजेज की बुधवार को जारी सालाना रिपोर्ट में चेयरमैन संदेश में उन्होंने कहा कि हमें यह एहसास होना चाहिए कि वास्तव में निरपेक्ष रूप से कोई सही या गलत विचार नहीं होता है। कोविड-19 जैसे अप्रत्याशित संकट के दौरान आखिर किस बात की जरूरत थी? सरकार निश्चित समय पर उपलब्ध बेहतर सूचना और जो भी नई जानकारी आई, उसके आधार पर निर्णय लेती रही।
 
उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत सरकार और अधिकारी निश्चित रूप से सराहना के पात्र हैं। अडाणी ने कहा कि हमसे अधिक साधन संपन्न देश आज इस संकट से पार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं वायरस के खिलाफ हमारी मुहिम भी अभी निष्कर्ष पर पहुंचने से काफी दूर है। इसके बावजूद मुझे यह कहने में तनिक भी झिझक नहीं है कि अगर निर्णय लेने में देरी होती, हमें व्यापक नुकसान का सामना करना पड़ता जिसका न केवल देश बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभाव होता।
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उद्योगपति ने कहा कि निश्चित रूप से कारोबार काफी प्रभावित हुए, लोगों की जानें गईं और नौकरियां गंवानी पड़ीं तथा प्रवासी मजदूर संकट ने पूरे देश को उदास किया लेकिन अनजाने विकल्पों का प्रभाव और भी गंभीर हो सकता था। नेताओं, डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों, पुलिस, सेना, खोमचे और रेहड़ी वाले और नागरिकों ने महामारी के दौरान एक-दूसरे की मदद के लिए जो अपनी-अपनी भूमिका निभाई, वह भारत के स्वभाव और उसकी मजबूती को प्रतिबिम्बित करता है।
 
अडाणी ने कहा कि सरकार ने जनधन, आधार और मोबाइल को जोड़कर जो एक व्यवस्था बनाई, उससे अब वह 
जरूरतमंदों को सीधे लाभ पहुंचाने में सक्षम है। मैं कोरोना वायरस महामारी के कारण अल्पकाल या मध्यम अवधि में संभावित आर्थिक परिणाम के बारे में बताने की स्थिति में नहीं हूं।
 
अडाणी ने कहा कि लेकिन इस तथ्य से कोई इंकार नहीं कर सकता कि भारत अगले कई दशकों तक एक बढ़ता हुआ बाजार होगा और इसकी आसानी से उपेक्षा नहीं की जा सकती। यह चमकता हुआ स्थिर लोकतांत्रिक संचालन व्यवस्था के साथ दुनिया का प्रमुख उपभोक्ता केंद्र, विनिर्माण और सेवा केंद्र होगा। भारत पर दांव लगाने का इससे बेहतर समय और कोई नहीं हो सकता।
 
समूह की कंपनियों के प्रदर्शन के बारे में उन्हेंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद समूह की बाजार में सूचीबद्ध 6 कंपनियों का कामकाज बेहतर रहा। चुनौतियों को देखते हुए समूह को जरूरत के अनुसार रणनीति में बदलाव लाने की आवश्यकता पड़ सकती है लेकिन हमारी रूपरेखा बिलकुल साफ है। (भाषा)

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