हालांकि लोकसभा में शिवसेना के नेता श्रीकांत शिंदे ने स्पष्ट किया कि पार्टी बिना शर्त सरकार को समर्थन दे रही है और मंत्री पद के लिए कोई सौदेबाजी नहीं हुई है। शिवसेना (यूबीटी) के संजोग वाघेरे पाटिल को हराकर तीसरी बार मावल सीट बरकरार रखने वाले बारणे ने बताया कि हालिया लोकसभा चुनाव में शिवसेना द्वारा सात सीटें जीतने के बावजूद पार्टी को नवगठित मोदी सरकार में केवल एक राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद दिया गया।
शिवसेना सांसद ने कहा कि एचडी कुमारस्वामी और जीतनराम मांझी जैसे नेताओं को भी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाया गया, जिनकी पार्टियों ने क्रमशः दो और एक सीट जीती है। उन्होंने कहा कि सतारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले भी कैबिनेट मंत्री बनने के हकदार हैं।
बारणे ने कहा, हमें उम्मीद थी कि शिवसेना को कैबिनेट मंत्री का पद मिलेगा, लेकिन केवल एक सीट जीतने वाली पार्टियों से भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उदाहरण के लिए, दो सांसदों वाले जद (एस) से दो मंत्री बनाए गए और बिहार से एक सीट जीतने वाले जीतन राम मांझी को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया। शिवसेना के केवल प्रतापराव जाधव ने नई मोदी सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली।
बारणे ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा और सात सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने 28 में से नौ सीटें जीतीं। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद थी कि भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना से कम से कम एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री बनाया जाएगा। कैबिनेट मंत्री पद के वितरण में पक्षपात का आरोप लगाते हुए बारणे ने दावा किया कि जद(यू) और तेदेपा के बाद शिवसेना भाजपा की तीसरी सबसे बड़ी सहयोगी है।
उन्होंने कहा, चिराग पासवान, जिनकी पार्टी ने पांच सीटें जीती हैं, उन्हें भी कैबिनेट में जगह दी गई। लेकिन शिवसेना को केवल एक राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मिला। मुझे लगता है कि शिवसेना के साथ पक्षपात हो रहा है। हम अगले तीन महीनों में एकसाथ विधानसभा चुनाव का सामना करेंगे, उम्मीद है कि शिवसेना को उचित हिस्सा मिलेगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour