ब्रिटेन की वेबसाइट, डेली मेल ने लिखा है कि ब्रिटेन के करदाताओं का पैसा प्रत्यक्ष रूप से मूर्ति निर्माण में नहीं लगा बल्कि भारत में हुए विभिन्न विकास कार्यों में लगा है। लेकिन अगर भारत अपना पैसा मूर्ति बनाने में खर्च नहीं करता तो उन प्रॉजेक्ट्स का खर्च खुद उठा सकता था।
इस खबर में भारत को तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया गया है। यह भी दावा किया गया है कि भारत को जितनी आर्थिक मदद मिलती है, उससे कई गुना ज्यादा की मदद वह खुद दूसरे देशों की करता है। इसमें यह भी कहा गया है कि ब्रिटेन को अब भारत की मदद नहीं करनी चाहिए।