अयोध्या भूमि विवाद उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है। मोदी सरकार ने जनवरी में सर्वोच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर कर विवादित स्थल के पास की 67 एकड़ अतिरिक्त जमीन मूल भू-स्वामी, राम जन्मभूमि न्यास, को लौटाने की इजाजत मांगी थी। राम जन्मभूमि न्यास का गठन मंदिर निर्माण के लिए किया गया था।