सुजाता ने कहा, ‘पिछले दो दिनों मैं मैंने जिस तरह की कमेंट्री देखी है, उससे मुझे बहुत दु:ख हुआ है। मेरा मानना है कि इतना नीचे गिरना और गंदगी फैलाना जरूरी नहीं।’
अगस्त के अंत में पूरे होने वाले अपने दो साल के कार्यकाल में सात महीने की ‘कटौती’ का ब्योरा देते हुए सुजाता ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को दोपहर दो बजे उन्हें फोन किया और कहा कि वह उन्हें ‘कोई अच्छी नहीं खबर नहीं’ देने जा रही हैं। सुषमा ने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री एस. जयशंकर को विदेश सचिव नियुक्त करना चाहते हैं।
सुजाता ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा पहले से ही तैयार रखा था पर उन्हें कहा गया कि ऐसा करने से वह अपने सेवानिवृति लाभ गंवा देंगी। लिहाजा, उन्होंने ‘प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार’ शाम के करीब सात बजे एक पत्र भेजकर समय से पहले सेवानिवृति मांगी।