सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह उम्मीद भी जताई कि उच्चतम न्यायालय इस बात पर भी ध्यान देगा कि चुनाव आयोग 'वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल' (VVPAT) के मुद्दे पर विपक्षी दलों से मिलने से लगातार इनकार कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को सूचना का अधिकार कानून और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करार दिया है।नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 15, 2024
भाजपा ने इलेक्टोरल बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था।
आज इस बात पर मुहर लग गई है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें यह भी उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इस बात पर ध्यान देगा कि चुनाव आयोग वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से मिलने से लगातार इनकार कर रहा है। यदि मतदान प्रक्रिया में सब कुछ पारदर्शी है तो फिर इतनी जिद क्यों?सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की काफ़ी प्रचारित-प्रसारित चुनावी बॉन्ड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ-साथ भारत के संविधान का भी उल्लंघन माना है। चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिए जाने का फ़ैसला स्वागत योग्य है। यह नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा। इस फ़ैसले की… https://t.co/ZWHAPDpdIv
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 15, 2024
इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक ठहराने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक एवं स्वागतयोग्य है। इलेक्टोरल बॉन्ड ने भ्रष्टाचार को बढ़ाने का काम किया। इसने राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता को खत्म किया और सत्ताधारी पार्टी भाजपा को सीधे लाभ पहुंचाया। मैंने बार-बार कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड आजाद… https://t.co/usCbyT7b5g
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 15, 2024