शीर्ष अदालत ने SBI से 6 मार्च तक इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी मांगी। बैंक को बताना होगा कि किसे कितने बांड जारी किए गए और इसका फायदा किसे मिला। चुनाव आयोग को 13 मार्च तक इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी वेबसाइट पर डालने के निर्देश। जो बॉन्ड कैश नहीं हुए हैं उन्हें बैंक को वापस दिया जाना चाहिए।