नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने एक वकील को ऐसी याचिका दायर करने के लिए लगाया गया 50,000 रुपए का जुर्माना नहीं अदा करने पर मंगलवार को कड़ी फटकार लगाई जिसमें कोई दम नहीं था। शीर्ष अदालत ने वकील को 2 हफ्ते के भीतर उक्त राशि जमा करने का निर्देश भी दिया।
पीठ ने कहा कि आप एक वकील हैं। अदालत को 50,000 रुपए का भुगतान करने का आश्वासन देने के बावजूद आपने उक्त राशि अदा नहीं की और उसके बाद आप विदेश चले गए। अब आप यह नहीं कह सकते कि आप जुर्माना राशि नहीं चुका सकते। आप जुर्माना भरें, वरना हम आपके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करेंगे।
शीर्ष अदालत ने 2 जनवरी 2023 को पांडेय की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश पद के लिए उच्चतम न्यायालय में वकालत कर रहे वकीलों के नाम पर विचार नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस याचिका में कोई दम नहीं है और पूरी तरह से न्यायालय के समय की बर्बादी है। न्यायालय ने याचिका दायर करने के लिए पांडेय पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था।(भाषा)