नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राज्य सभा से अयोग्य घोषित जदयू के बागी नेता शरद यादव की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि जदयू के पूर्व अध्यक्ष को उनकी याचिका लंबित होने के दौरान वेतन और भत्ते नहीं मिलेंगे लेकिन वह सरकारी बंगले में रह सकते हैं।