न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि निर्धारित परीक्षा से 48 घंटे पहले गेट परीक्षा को स्थगित करने से अराजकता एवं अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न होगी और वह उन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते, जिन्होंने इसके लिए तैयारी की है।
पीठ ने कहा कि यह शिक्षण नीति का मामला है कि कब परीक्षा होनी चाहिए और अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। 9 लाख छात्र यह परीक्षा देने वाले हैं और करीब 20,000 छात्रों ने इसे स्थगित करने के संबंध में ऑनलाइन याचिका का समर्थन किया है।