उन्होंने कहा, हम उन सभी का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने मुश्किल वक्त में हमारी मदद की। हमने अपनी बेटी खोई है हालांकि हम संतुष्ट हैं कि अदालत ने उसके गुनाहगारों को मौत की सजा दी। आशा देवी ने अदालत कक्ष से बाहर आते हुए कहा कि अब से वह और उनके पति अन्य लड़कियों को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे जो अपराधों की शिकार हुई हैं।
जैसे ही फैसला सुनाया गया, वैसे ही पीड़िता के माता-पिता, वकील और अदालत कक्ष में मौजूद अन्य वादी खड़े होकर तालियां बजाने लगे। (भाषा)