Supreme Court's instructions regarding witnesses in criminal cases : उच्चतम न्यायालय ने एक आपराधिक मामले में एक पुलिस थाने के अंदर गवाहों को सिखाने-पढ़ाने की घटना को चौंकाने वाला करार देते हुए तमिलनाडु पुलिस प्रमुख को मामले की जांच करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा, कोई भी व्यक्ति पुलिस थाने के अंदर गवाहों को 'सिखाने-पढ़ाने' के महत्व की उचित कल्पना कर सकता है। यह पुलिस द्वारा महत्वपूर्ण अभियोजन गवाहों को सिखाने-पढ़ाने का एक खुल्लम-खुल्ला कृत्य है। वे सभी पक्षपाती गवाह थे।
पुलिस द्वारा इस तरह का हस्तक्षेप चौंकाने वाला : पीठ ने एक आदेश में कहा, उनके साक्ष्यों को खारिज करना होगा, क्योंकि इस बात की स्पष्ट संभावना है कि उक्त गवाहों को पहले दिन पुलिस द्वारा सिखाया-पढ़ाया गया था। न्यायिक प्रक्रिया में पुलिस द्वारा इस तरह का हस्तक्षेप चौंकाने वाला है। न्यायालय ने कहा कि पुलिस को अभियोजन पक्ष के गवाहों को सिखाने-पढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह पुलिस मशीनरी द्वारा अधिकारों का घोर दुरुपयोग है।
पुलिस अधिकारियों के आचरण की जांच कराएंगे : शीर्ष अदालत ने आदेश दिया, तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक संबंधित पुलिस स्टेशन में अभियोजन पक्ष के गवाह संख्या-एक (पीडब्ल्यू-1) से अभियोजन गवाह-पांच (पीडब्ल्यू-5) को सिखाने-पढ़ाने वाले पुलिस अधिकारियों के आचरण की जांच कराएंगे। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई शुरू की जाएगी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour