बता दें कि केंद्र सरकार के अगस्त 2019 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आखिरी बार 2 मार्च, 2020 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। हालांकि तब न्यायमूर्ति एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने याचिकाओं को एक बड़ी पीठ को सौंपने की प्रार्थना को खारिज कर दिया था।