प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने याचिकाकर्ता गौरव कुमार की ओर से दाखिल प्रतिवेदन पर गौर किया और विधिज्ञ परिषद सहित हितधारकों को नोटिस जारी करने का फैसला किया।
याचिका में कहा गया कि ओडिशा में पंजीकरण शुल्क 41,100 रुपए और केरल में 20,050 रुपए है। यह अत्यधिक शुल्क उन युवा वकीलों को कई अवसरों से वंचित करता है जिनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। याचिका में दावा किया गया कि यह अधिनियम की धाराओं का भी उल्लंघन करता है। याचिका में हर राज्य की विधिज्ञ परिषद को पक्षकार बनाया गया है।(भाषा)