एनसीईआरटी की किताबों से हटे टैगोर, गालिब के नाम

मंगलवार, 25 जुलाई 2017 (14:19 IST)
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों से विश्व कवि रवीन्द्र नाथ टैगोर का नाम हटाने का मुद्दा उठाया।         
 
ब्रायन ने शून्यकाल में उत्तेजित होकर टैगोर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े शिक्षा समिति उठान न्यास के दीनानाथ बत्रा ने एनसीआरटी को 100 सुझाव दिए हैं जिनमें टैगोर का नाम हटाये जाने की बात भी शामिल है। 
 
उन्होंने कहा कि टैगोर को किसी से कोई प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है, बत्रा कौन होते है? इस तरह के सुझाव देने वाले, क्या वह  प्रचार के लिए ऐसा कर रहे हैं? सरकार इस मुद्दे पर स्थिति साफ़ करे। वह इतने उत्तेजित हो गए कि जावड़ेकर की सीट के पास जाकर उन्हें  कुछ किताबें दीं। संसदीय कार्य मंत्री ने ब्रायन से किताबें ले ली।
 
समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने ब्रायन का समर्थन करते हुए कहा कि इन किताबों से केवल टैगोर का ही नहीं बल्कि ग़ालिब का भी नाम हटाने और उर्दू की जगह हिन्दी के शब्दों को शामिल करने की कोशिश की जा रही है।
 
इस मुद्दे पर सदन में माहौल गरमाने पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा कुछ नहीं कर रही है।
 
उपसभापति कुरियन ने भी जावड़ेकर को स्थिति स्पष्ट करने को कहा तब जावेडकर ने कहा कि उन्हें यह स्पष्ट करने दें कि एनसीईआरटी की किताबों में केवल  तथ्यात्मक गलतियां खोजने का काम शिक्षकों को दिया गया है। अब तक 100 से अधिक सुझाव आए हैं।
 
उन्होंने कहा कि वह टैगोर ही नहीं बल्कि उन सबका आदर करते हैं जिन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया, जेल गए और देश की संस्कृति तथा परम्परा विकसित करने में भूमिका निभायी। उन पर गर्व करते हैं। (वार्ता) 

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