टीटीजेड प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ने कहा कि ताजमहल की रक्षा एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें ऐतिहासिक मकबरे के पास लकड़ी तथा पूरे क्षेत्र में नगर निगम के ठोस अपशिष्ट एवं कृषि अपशिष्ट के जलाने पर रोक शामिल है।
टीटीजेड उत्तर प्रदेश में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा तथा राजस्थान के भरतपुर में करीब 10400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला इलाका है। टीटीजेड प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ताज की रक्षा तथा टीटीजेड में पर्यावरण को बचाने एवं उसमें सुधार से जुड़े कार्यक्रमों की निगरानी एवं अन्य मुद्दों के लिए स्थापित किया गया था।
न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने 20 नवंबर को यह जानना चाहा था कि क्या ताजमहल को न केवल पर्यावरण की दृष्टि से बल्कि अन्य पहलुओं के हिसाब से भी बचाने के लिए कोई समग्र योजना है। न्यायालय पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने ताज को प्रदूषणकारी गैसों एवं वनों की कटाई के दुष्प्रभावों से बचाने की मांग की थी। (भाषा)