क्या होती है अरेस्टेड लैंडिंग : अरेस्टेड लैंडिंग के लिए विमानों के पीछे के हिस्से में स्टील वायर से जोड़कर एक हुक लगाया जाता है। लैंडिंग के दौरान पायलट को यह हुक युद्धपोत या शिप में लगे स्टील के मजबूत केबल्स में फंसाना होता है। जैसे ही प्लेन रफ्तार कम करते हुए डेक पर उतरता है, हुक तारों में पकड़कर उसे थोड़ी दूरी पर रोक लेता है।
क्यों होती है अरेस्टेड लैंडिंग : नौसेना में शामिल होने के लिए विमानों के हल्का होने के साथ ही उसे अरेस्टेड लैंडिंग में भी सक्षम होना चाहिए। युद्धपोत एक निश्चित भार ही उठा सकता है, इसलिए विमानों का हल्का होना जरूरी है। युद्धपोत पर बने रनवे की लंबाई निश्चित होती है। ऐसे में विमानों को लैंडिंग के दौरान रफ्तार कम करते हुए रनवे पर जल्दी रुकना पड़ता है। ऐसे में उसे अरेस्टेड लैंडिंग करना होती है।