सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की पीठ को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बारे में रेलवे, दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्रालय के परामर्श से फैसला किया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त को एक फैसले में दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी 48,000 झुग्गियों को तीन महीने के अंदर हटाने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि इस आदेश पर अमल में किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं हो।