अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के ईवीएम को लेकर दिए बयान पर अब देश में सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस ने एक बार ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। वहीं चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर फिर सफाई दी है।
क्या कहा तुलसी गबार्ड ने?-अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM को हैक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल को इस बात के सबूत मिले हैं कि ये इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम लंबे समय से हैकर्स के लिए कमजोर रहे हैं. साथ ही ये वोटों के नतीजों में हेरफेर करने की आशंका के घेरे में हैं। तुलसी गबार्ड ने कहा कि अब पूरे देश में पेपर बैलट के इस्तेमाल को अनिवार्य करने की जरूरत सामने आती है ताकि मतदाता अमेरिकी चुनावों की अखंडता पर भरोसा कर सकें।
कांग्रेस अधिवेशन में उठा था EVM का मुद्दा-अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेश तुलसी गबार्ड का ईवीएम को लेकर बयान ऐसे समय सामने आया है, जब पिछले दिनों कांग्रेस के अहमदाबाद में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में ईवीएम का मुद्दा जोर शोर से उठा था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था जब पूरी दुनिया के विकसित देश EVM को छोड़कर बैलेट पेपर की तरफ चले गए हैं।
दुनिया में तमाम देश EVM का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम EVM पर निर्भर हैं। ये सब फ्रॉड है। सरकार ने ऐसे तरीके ईजाद कर लिए हैं, जिससे सिर्फ उन्हें ही फायदा मिल रहा है, लेकिन आने वाले समय में देश के नौजवान उठ खड़े होंगे और कहेंगे कि हमें EVM नहीं चाहिए। वहीं कांग्रेस के सीनियर नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही थी।
Ms. @TulsiGabbard is the United States Director of National Intelligence ! She has publicly raised the “issues of hacking” of Electronic Voting Machines (EVMs) and its vulnerabilities.
Infact, she further said that EVMs are, “…vulnerable to exploitation to manipulate the… https://t.co/7OOeFfo5Ey
वहीं अब तुलसी गबार्ड के बयान के बाद कांग्रेस ने फिर ईवीएम को लेकर हमलावर है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने तुलसी गबार्ड के बयान को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि गबार्ड ने सार्वजनिक रूप से ईवीएम की हैकिंग और उनकी कमजोरियों को उठाया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजों में हेराफेरी के लिए ईवीएम का दुरुपयोग किया जा सकता है। सवाल यह है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयोग चुप क्यों हैं? सुश्री तुलसी गबार्ड ने जो कहा, उसे नकारने के लिए आयोग सूत्र आधारित कहानियां क्यों गढ़ रहा है?
इसके साथ ही सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेकर जांच कराना चाहिए। सुरजेवाला ने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग और केंद्र को ईवीएम की हैकिंग और अन्य कमजोरियों के सभी विवरण हासिल करने के लिए अमेरिकी सरकार और गबार्ड से संपर्क करना चाहिए।
चुनाव आयोग की ओर से सफाई- तुसली गबार्ड के ईवीएम को हैक करने वाले बयान के बाद कांग्रेस ने फिर एक बार ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठा दिया है। चुनाव आयोग ने अपनी सफाई में कहा कि तुलसीदास गबार्ड ने जो बातें कहीं है वह भारत में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर लागू नहीं होती।
चुनाव आयोग के मुताबिक भारत में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम, अमेरिका व अन्य देशों से अलग है। भारत में जिस ईवीएम का इस्तेमाल होता है उसमें इंटरनेट की जरूरत नहीं होती है और न ही इसे किसी नेटवर्क या वाईफाई से जोड़ा जा सकता है। ईवीएम सरल, सही और सटीक कैलकुलेटर की तरह काम करते हैं। भारत में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी सुरक्षित माना है. अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां भी कई बार इनकी जांच कर चुकी हैं।
इलेक्शन कमीशन की ओर से कहा गया कि चुनाव शुरू होने से पहले राजनीतिक दलों की तरफ से नियुक्त पोलिंग एजेंट के सामने मॉक पोल भी होता है, जिसमें सभी राजनैतिक दलों के पोलिंग एजेंट देखते हैं कि मशीन ठीक काम कर रही है या नहीं। आयोग के मुताबिक पांच करोड़ से ज़्यादा वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती के दौरान राजनीतिक दलों के सामने मिलान किया गया है जिससे पारदर्शीता बनी रहे और अब तक इसमें भी किसी तरह की गड़बड़ी नहीं पाई गई।