आईटी क्षेत्र ने बदले हालात में वृद्धि, अवसरों व चुनौतियों के लिए खुद को तैयार किया

Webdunia
मंगलवार, 29 दिसंबर 2020 (21:05 IST)
नई दिल्ली। इस साल कोविड-19 ने भले ही मुश्किल हालात पैदा किए हों, लेकिन 191 अरब डॉलर के भारतीय आईटी क्षेत्र ने नए हालात में खुद को ढालते हुए इस दौरान लचीलापन दिखाया और डिजिटल खर्च में बढ़ोतरी के साथ ही अब 2021 में क्षेत्र के लिए अवसरों में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
 
इस साल की शुरुआत में कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी के कारण भारत सहित दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन लागू हुआ। इसने भारतीय आईटी कंपनियों के समक्ष दोहरी चुनौती पेश की। ग्राहकों को लगातार सेवाएं कैसे दी जाएं और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें।
ALSO READ: ‘कर्म भूमि’ ऐप से मिली 8,000 आईटी प्रोफेशनल्स को नौकरी
इंफोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा जैसी आईटी कंपनियों ने कर्मचारियों और उनके परिवारों को वापस घर लाने के लिए विशेष उड़ानें बुक कीं, जो महामारी और वीजा संबंधी मसलों के कारण विदेशों में फंसे हुए थे। रातोरात छोटी और बड़ी लगभग सभी आईटी कंपनियों ने घर के काम करने की व्यवस्था लागू की। इसकी शुरुआत हिचक के साथ जरूर हुई, लेकिन लॉकडाउन के चरम पर लगभग 98 प्रतिशत आईटी कर्मचारी घर से काम कर रहे थे। आंतरिक बैठकें, ग्राहकों के साथ बातचीत और टाउनहॉल सभी ऑनलाइन हो गए।
 
नैसकॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य रणनीति अधिकारी संगीता गुप्ता ने कहा कि 2020 बहुत सारे बदलाव और अनिश्चितता का साल रहा है (लेकिन) तकनीक अब सिर्फ उत्प्रेरक नहीं है, बल्कि यह और अधिक एकीकृत हो गई है।  उन्होंने कहा कि हम अपने वैश्विक ग्राहकों के लिए 1 नए हाइब्रिड परिचालन मॉडल को बेहद कम समय में अपना सकें जिसने भारतीय आईटी उद्योग की क्षमता को साबित किया।
ALSO READ: आईआईटी दिल्ली के स्टार्टअप ने लॉन्च की रोगाणु-रोधी पेयजल बोतलें
उन्होंने कहा कि ग्राहकों ने उद्योग के लचीलेपन की सराहना की और आईटी कंपनियां भी व्यापार बढ़ाने के लिए 
तैयार हैं। ऐसी आशंका भी थी कि कंपनियां ग्राहक लागत कम करने के लिए आईटी बजट में कटौती कर सकती 
हैं। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस और कॉग्निजेंट तक सभी प्रमुख आईटी कंपनियों ने महामारी को लेकर 
सतर्क दृष्टिकोण अपनाया। उन्होंने कहा कि सभी कैंपस ऑफर को पूरा किया जाएगा लेकिन वेतन बढ़ोतरी और 
पदोन्नति को रोक दिया गया।
 
इंफोसिस और विप्रो ने अनिश्चित कारोबारी माहौल का हवाला देते हुए आय वृद्धि के दृष्टिकोण जारी करने की अपनी कवायद को निलंबित कर दिया। हालांकि हमने देखा कि 2020 में प्रौद्योगिकी अपनाने की गति तेजी से बढ़ी। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे तकनीकी दृष्टि से पिछड़े क्षेत्रों ने भी तेजी से डिजिटल को अपनाया। स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने के कारण इन संस्थानों ने छात्रों की मदद के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाया।
 
इसी तरह अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण के मरीजों के भर्ती होने के कारण गैर-आपातकालीन बीमारियों के मरीजों को डिजिटल परामर्श दिया जा रहा है। इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख ने हाल में कहा था कि भविष्य का कार्यस्थल हाइब्रिड होगा और लचीलापन कर्मचारियों को अलग-अलग स्थानों से अलग-अलग समय पर काम करने की अनुमति देगा। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख